ChatGPT Bolega Aashikon Ki Zubaan

अरे भाई! ChatGPT है तो क्या ग़म है... आशिक़ों की भाषा सुधारने में इसी के पास दम है

एक दौर था जब प्रेमपत्र... प्रेम का अहम हिस्सा हुआ करता था| अगर किसी को किसी से प्यार हो गया और उसे प्रेमपत्र लिखना नहीं आया तो समझ लो कि उसकी नैया डूब गई| 

1962 में शशि कपूर और साधना की एक Black एंड White फ़िल्म रिलीज़ हुई थी नाम था जिसका प्रेमपत्र| इस फ़िल्म की कहानी प्रेमपत्र के इर्दगिर्द ही घूमती है| 1964 में राज कपूर, राजेंद्र कुमार और वैजयन्ती माला की फ़िल्म संगम रिलीज़ हुई थी| इस फ़िल्म में रफ़ी साहब का गया हुआ एक गाना बहुत ही मशहूर हुआ था... ये मेरा प्रेमपत्र पढ़कर के तुम नाराज़ ना होना’| 

वक़्त के साथ बहुत कुछ बदला प्रेमपत्र लिखने का अंदाज़ भी बदला| अब प्रेमपत्र ना कह कर भारत के शहर क्या गाँव और कस्बों में रहने वाले लोग भी Love Letter’ कहने लगे| 1991 में विवेक मुशरान और मनीषा कोइराला की फ़िल्म फ़र्स्ट लव लेटर रिलीज़ हुई थी| फ़िल्म तो चली ही Love Letter’ लिखने का चलन भी जारी रहा| वो साल था 

1995 जब अपने भारत में Mobile Phone ने आम आदमी के लिए entry ली| SMS का दौर शुरू हुआ और धीरे धीरे SMS ने लव लेटर की जगह ले ली| 

कम शब्दों में प्यार की बातें होने लगीं| एक नई भाषा तैयार हो गई... SMS की भाषा| जो समझा वो सयाना और जो ना समझा वो अनाड़ी| फिर क्या वक़्त ने अपनी रफ़्तार पकड़ी और देखते देखते आम आदमी के हाथ में आ गया स्मार्टफ़ोन| SMS हो गया गायब और शुरू हो गया Whatsapp पर बातें| लोग जम कर Whatsapp पर बातें करने लगे

Whatsapp के ज़रिये शेर ओ शायरी का भी आदान प्रदान होने लगा| मानो या ना मानो आज की तारीख में भी Love Letter’ लिखना एक art है| अब ये कला कहाँ सबको है मिला? ये तो आप भी मानेंगे कि SMS की भाषा में लिखना वाक़ई आसान है... Whatsapp पर लिखना भी ज़्यादा मुश्किल नहीं| मगर आज भी अगर ढंग का प्रेमपत्र या यूं कहे कि Love Letter’ लिखना पड़े तो होश उड़ जाते हैं| कैसे शुरू करें? कहाँ से शुरू करें? पहली लाइन में क्या लिखें? वगैरह- वगैरह

मगर अब टेंशन की कोई बात नहीं... ChatGPT है ना!... अब आप कहेंगे ये किस चिड़िया का नाम है? अजी ये अलादीन का वो चिराग है जिसने लिखने के काम को आसान कर दिया है| ChatGPT आपका personal लेखक है| मज़ाक नहीं... मैं सच कह रहा हूँ| जी हाँ! इंटरनेट पर मौजूद इन्फॉर्मेशन के मुताबिक़ वो साल था 2015... जब ChatGPT की शुरुआत हुई थी| मैं यक़ीन के साथ कह सकता हूँ कि आज की तारीख में भी बहुत कम ही लोगों ने इसका नाम सुना होगा... लेकिन यक़ीनन ChatGPT का इस्तेमाल तो किया ही नहीं होगा... दुनिया में करोड़ों ऐसे लोग होंगे जिन्हें इसका नाम भी नहीं मालूम होगा| 

अगर आप Chat GPT लिखकर गूगल पर सर्च करेंगे तो रिज़ल्ट के तौर पर आप ये पाएंगे Chat Generative Pre-trained Transformer| इसे Open Artificial Inteligence यानी Open AI द्वारा बनाया गया है| Short-Cut में कहे तो ChatGPT एक ऐसा माध्यम है जो आपके द्वारा पूछे गए सवालों को समझ कर विस्तार से उसका जवाब तैयार कर देता है आपके लिएयानी गूगल से एक क़दम ज़्यादा आगे है ये| ये किसी भी विषय पर लेख लिख लेता है| ChatGPT जब से इंटरनेट की दुनिया में आया है इसने कई Tech Companies की रातों की नींद हराम कर दी है... दिन का चैन तो छोड़ ही दीजिएGrowth के मामले में इसने Facebook और Whatsapp को बहुत पीछे छोड़ दिया है। 

World Of Statistics के आंकड़ों के मुताबिक आज की तारीख में ChatGPT ने मह दो महीने में 10 करोड़ users का मुकाम हासिल कर लिया हैजबकि Whatsapp को इतने Users पाने में तक़रीबन 3.5 साल लगेवहीं Facebook को लगभग 4.5 साल में इतने users मिले हैकहने वाले कह रहे हैं कि ChatGPT  इस्तेमाल करने के बाद आम आदमी गूगल को भूल जाएगा| यक़ीन मानिए एक बार इंटरनेट पर जाइए ChatGPT पर अकाउंट बनाइए और फिर देखिये कमाल... लिखिए लव लेटर और फिर कीजिए धमाल| अजी ये किसी भी तरह की Content आपके लिए चुटकियों में लिख देगा वो भी free में| मैं दावे के साथ कह सकता हूँ कि साल 2023 में यही है आपका पर्सनल लेखक जिसका नाम है ChatGpt| फिलहाल के लिए इतना ही मगर चलते चलते मैं ये कहूँगा कि...

अरे भाई! ChatGPT है तो क्या ग़म है

आशिक़ों की भाषा सुधारने में इसी के पास दम है

चलते हैं अगली Blog में आपसे फिर मिलते हैं... इसी के साथ आपका ये रेडियो वाला Digital दोस्त RJ Rakesh कह रहा है TATA BYE BYE… नमस्कार...  सलाम नमस्ते!

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